नई शुरुआत, नए जोश और एक यादगार जीत:
29 अगस्त 2025 को हुआ CAFA नेशंस कप में भारत-ताजिकिस्तान मुकाबला केवल एक मैच नहीं था, बल्कि भारतीय फुटबॉल के लिए उम्मीदों की नई कहानी भी थी। नए कोच खालिद जायमिल के नेतृत्व में खेले गए इस ग्रुप-बी के उद्घाटन मुकाबले में ब्लू टाइगर्स ने बढ़िया खेल दिखाते हुए ताजिकिस्तान को 2-1 से हराया। यह जीत खास थी क्योंकि यह हमारा विदेशी धरती पर दो साल बाद मिली पहली जीत थी, साथ ही इधर-उधर से ऊंची रैंकिंग वाली टीम को मात देना और भी महत्वपूर्ण था ।
शानदार शुरुआत – दो मिनट में हुआ डबल:
मुकाबले की शुरुआत जैसे बिजली गिरने जैसी थी: केवल पाँचवें मिनट में मुहम्मद उवैस के लंबे थ्रो-इन ने ताजिकिस्तान की रक्षा को चौंका दिया। बॉक्स में पिनबॉल की तरह गोल के पास घूमने के बाद अनवर अली ने कर्ज़ लिया और पहला गोल दागा । फिर किस्मत बदलते ही, 13वें मिनट के आसपास दूसरी बार मुहम्मद उवैस की पासिंग ने मोड़ा खेल—इस बार राहुल खेके की हैडिंग से बचावकर्ताओं को रोकना मुश्किल हो गया और सैंडेश झींगन ने सहज रूप से गोल कर दो-शून्य की बढ़त बना दी ।
ताजिकिस्तान की वापसी और भारत की मजबूती:
लेकिन ताजिकिस्तान ने जल्दी ही कड़ी प्रतिक्रिया दी। 22वें मिनट में शाहरॉम सामीव ने बेहतरीन खेल दिखाकर भारतीय डिफेंस में सेंध लगा दी और स्कोर 2-1 कर दिया । इसके बाद मैच काफी तनावपूर्ण हो गया, लेकिन भारतीय टीम ने अनुशासित और मजबूत रक्षात्मक खेल से मुकाबले को बराबरी पर रोके रखा।
गुरप्रीत सिंह संधू का हीरो जैसा प्रदर्शन:
इस बीच भारत के गोलकीपर और कप्तान गुरप्रीत सिंह संधू ने जैसे पूरे मैच में मचा दिया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण बचाव किए, लेकिन सबसे खास उनका पेनल्टी बचाव था—जब ताजिकिस्तान को पेनल्टी मिली थी, गुरप्रीत ने शानदार ढंग से गेंद को डाइव लगाकर किक से रोका और टीम की बढ़त बनाए रखी ।
कोचिंग का कमाल:
यह मुकाबला खालिद जायमिल के कोचिंग करियर की शुरुआत भी थी। उनका यह डेब्यू मैच शानदार रहा—टैक्टिक, अनुशासन और आत्मविश्वास की मिसाल बनी इस जीत ने भारतीय टीम और उनसे जुड़े सभी लोगों को नई ऊर्जा दी ।
इतिहास में दर्ज एक जीत:
यह जीत न केवल एक मुकाबला जीता गया, बल्कि इतिहास रचा गया। यह ताजिकिस्तान के खिलाफ भारत का दोहरे अंक में पहली जीत थी—भारत (FIFA रैंक 133) ने ताजिकिस्तान (FIFA रैंक 103) को मात दी । साथ ही यह विदेशी मैदान पर पिछले दो साल में मिली पहली जीत भी थी, जो मार्च 2023 विश्व कप क्वालीफायर में कुवैत पर हुई थी ।
आगे की चुनौतियाँ और सकारात्मक संकेत:
अब भारत की निगाहें ग्रुप-बी के अगले मुकाबलों पर हैं—विशेष रूप से ईरान और अफगानिस्तान से दो बड़े मैच होने वाले हैं, जो भारतीय टीम की मजबूत टीम वर्क और फिटनेस पर और अधिक भरोसा बनाएँगे ।
अनवर अली और सैंडेश झींगन की शुरुआत गोलों ने मैच की दिशा तय की।
गुरप्रीत सिंह संधू की पेनल्टी बचत और अन्य कई रक्षात्मक योगदान ने जीत की नींव रखी।
कोच खालिद जायमिल की रणनीति और उत्साह ने टीम को नया जीवन दिया।
यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, भारतीय फुटबॉल के युग का प्रतीक है—जहाँ हम पीछे नहीं, बल्कि आगे बढ़ रहे हैं।
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