बुधवार, 8 मार्च 2023

प्राइमरी स्कूल में कोई खेल का शिक्षक नहीं : बड़े लेवल पर डब्बा गोल

 भारत में आज होड़ लग रही है की ओलिंपिक खेलो में मेडल की संख्या बढ़ने की कोशिश की जा रही है।  लेकिन आज जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है इसकी किसी को भी जानकारी नहीं है।  दुनिया के किसी भी देश में अगर खिलाडी की खेल की पहचान करनी हो तो उसका आधार प्राथमिक स्कूल से करना सबसे बेहतर होता है , दुनिया के ज़्यादातर देश इसी मूल आधार पर काम करते है। जिसका नतीजा उन्हें आने वाले 15 से 20 सालो में मिलता है।  भारत में आज किसी भी खिलाड़ी को अपने खेल का चयन करना होता है तो उसे भूसे में सुई की तरह अच्छे कोच की तलाश कर न पड़ता ही की आज के समय ज्यादातर अच्छे कोच दूर कही किसी स्टेडियम में है और अगर बढ़ना है तो फिर प्राइवेट कोच अपना रखना पड़ता है जो एक मोटी रकम लेकर कोचिंग देता है।  

प्राइमरी स्कूल की हालत 



भारत में आज लगभग 11,96,265 स्कूल है जिसमें लगभग 18,86,32,942 ये सभी आकड़े गूगल पर उपलब्ध लेकिन इन सभी स्कूल में कितने फिजिकल एजुकेशन के टीचर काम करते है या कितने किसी खेल विशेषज्ञ शिक्षक काम करते इसका कोई भी आकड़े गूगल में उपलब्ध नहीं है।  शायद ये भारत के खेल मंत्री के पास भी ये आकड़े नहीं होगा की प्राथमिक स्कूल में कितने शारीरिक शिक्षक या किसी खेल के विशेषज्ञ कोच काम करते है। लेकिन हम सिर्फ एक गोल्ड मेडल ओलंपिक में आ जाये तो उसका ढिंढोरा कई महीनों और सालों तक पीटते रहते है। जबकि एथलेटिक्स जैसे खेलों में अगर खिलाड़ी को तैयार किया जाये तो वो प्राइमरी स्कूल से ही तैयार किया जा सकता है।  लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है आज भी भारत के लगभग प्राइमरी स्कूल में आज खेल की शिक्षक की इतनी कमी है की 95% स्कूलों में कोई भी शारीरिक शिक्षक नहीं है। 



सवाल 

क्या भारत के 50% प्राइमरी स्कूल में अगर शारीरिक शिक्षक दिया जाए और उन्हें हर साल 15 नेशनल लेवल के खिलाड़ी नहीं तो राज्य स्तर के खिलाडी बनाने का काम दिया जाये तो लगभग 10 से 15 सालो के बाद  सालो के बाद भारत चाइना को ओलंपिक में  पीछा कर देगा ? 

क्या हर राज्य ओलिंपिक में से एक खेल को अपना  उसके सभी संसाधन उपलब्ध कराये जैसे हॉकी में ओड़िसा ने किया है ?

अगर भारत में निचले स्तर पर काम किया जाये तो वही खिलाडी आगे चल कर देश को बड़े लेवल के प्रतोयोगिता मेडल देने लायक बन जायेगे। सरकार को प्राइमरी स्कूल से ही अच्छे खिलाडी की पहचान शुरू कर देना चाहिए हर खेल में जिससे आगे चल कर ये फैसला जल्दी लिया जा सके की किस खिलाड़ी को आगे लिए तैयार करना है।

आप अपने सुझाव दे सकते है नीचे कमैंट्स कर के


शुक्रवार, 3 मार्च 2023

महिला क्रिकेट लीग के बाद : अब महिला कबड्डी लीग की जल्द ही शुरू होने वाली है



 भारत में अब खेल को एक नया स्वरूप  ले रहा है जिस को नाम अब लीग का दिया जा रहा है , इसकी शुरुआत पहले देश के सबसे महंगे खेल से शुरू हुई जिसकी  सोच 1998 में रखी गई और 2008 में उसकी शुरुआत हुई , उस खेल का नाम है क्रिकेट।  क्रिकेट के लीग शुरू होने के बाद से ही हर खेल ने अपने खेल के स्वरूप को बदलने की सोच शुरू कर दी।  आज भारत में औसतन हर खेल में अब लीग शुरू हो गया है।  इसमें एक और बड़ा नाम अब जुड़ रहा महिला कबड्डी लीग ,  पुरुष कबड्डी की शुरुआत 2014 में हो गई थी लेकिन अब इसमें एक नया हिस्सा और जुड़ने वाला है महिला कबड्डी लीग शुरू होने वाली है।  सूत्रों से खबर मिली है कि 2024 में पहला महिला कबड्डी शुरू होने की आशंका है।  मशाल स्पोर्ट्स के सीईओ अनुपम गोस्वामी का कहना है कि हम प्लान कर रहे की अगले साल से महिला कबड्डी की शुरुआत करें।  इसमें कितनी टीम होगी क्या होगा इसकी जानकारी जल्द ही सभी तक साझा की जाएगी।   गौर तलब है की अब लगभग हर खेल में महिलाओ की भागीदार बढ़ती जा रही है , जिससे खेल में और भी बढ़ोतरी हो रही है।  आने वाले समय में ये देखा जा रहा है की भारत में अब खिलाड़ियों का कौशल और भी सामने आ रहा है जिससे खेल में और भी सुधर की उम्मीद की जा रही है , अगर खिलाड़ी को लगातार खेलने का मौका मिलते रहा तो खेल को और भी बढ़ावा मिलेगा।  

लेखन : विक्रम भसीन



गुरुवार, 2 मार्च 2023

क्या रेसलर द्वारा लगाए गए आरोप गलत है


 मीडिया के द्वारा किये गए स्टिंग ऑपरेशन में कुछ खिलाड़ियों ने  मन माना चाहते थे चयन चाहते में  कुछ खिलाडी। 

     फोटो :गूगल द्वारा प्राप्त

जनवरी में किये गए भारत के शीर्ष रेसलर द्वारा दिल्ली के जंतर मंतर पर रेसलर महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ धरना अब वो एक नया मोड़ ले रहा है, हाल में ही कुछ मीडिया द्वारा किये गए एक स्टिंग खुलासे में  जब मीडिया से जुड़े लोग अपने पहचान छुपा कर खिलाडी के पास जाते है और उन से बात करते है तो उन्हसे मिले जानकारी में ये पता चलता है की कुछ खिलाडी चाहते थे की उन्हें हर बार आगे खेलने का मौका मिला और बिना किसी चयन प्रकिया के बिना  खेलना चाहते था।  कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण ने इस बात को साफ़ इंकार कर दिया और उन्होंने ये कहा अगर किसी भी खिलाडी को खेलना है तो सिलेक्शन देकर ही खेलेगा।  ये बात कुछ खिलाड़ियों को सही नहीं लगी और उन्होंने अध्यक्ष पर यौन उन्पीड़न का आरोप लगाया।  लेकिन मीडिया के स्टिंग खुलासे में खिलाड़ियों ने कबूला की बृज भूषण बिलकुल पाक है और उनके अभी तक के कार्यकाल में कई उपलब्धि कुश्ती ने की है।  लेकिन अभी बृज भूषण अपने खेल  के कार्य से आराम पर है अभी तक जांच समिति की जांच पूरी नहीं हो जाती है।  इस जाँच समिति की अध्यक्ष  भारत की महान मुक्केबाज़ मैरी कॉम को बनाया गया है देखना ये होगा की ये जाँच समिति खेल मंत्रालय को क्या रिपोर्ट देती है इस पर कई लोगो का भविष्य तय करेगा . अभी तक मीडिया को मिली खबर के अनुसार जिन खिलाडियों ने धरना दिया वो सभी खिलाड़ी समिति की जांच से संतुष्ट नही है |


सवाल 

 1 जाँच समिति ऐसा क्या हो रहा जिस से खिलाड़ी संतुष्ट नही है , क्या ख़िलाड़ी यहाँ भी अपनी मन माना चाहते है?

2 क्या खिलाड़ियों को डर है अगर जांच समिति की जांच पूरी हुई तो , वो सभी दोषी होगे ?

अगर खिलाड़ी दोषी करार दिए जाते है तो फिर क्या होगा। 

शायद उन सभी खिलाड़ियों का औसतन उम्र निकले तो आधे से ज्यादा  खिलाड़ी अपने संन्यास से बहुत ही करीबी है, ज्यादा तर खिलाड़ी पेरिस ओलिंपिक के बाद संन्यास लेने की उम्र हो जाएगी।  या वो सभी खिलाड़ी इस जांच के बाद खुद को कुश्ती खेल से दूर रखेंगे।  

लेखन : रोहित चौधरी


भारत ने बांग्लादेश को 41 रन से हराकर एशिया कप 2025 का फाइनल टिकट पक्का किया

शीर्षक: भारत ने बांग्लादेश को 41 रन से हराकर एशिया कप 2025 का फाइनल टिकेट पक्का किया परिचय आज का मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी उत...