अमर उजाला द्वारा प्राप्त लेख
कई बार खिलाडी से इन खेल के नाम पर भी नेशनल लेवल के प्रतियोगिता के और इंटरनेशनल लेवल प्रतियोगता के नाम पर भी मोटी रकम ली जाती है, जिसमे नेशनल लेवल प्रतियोगिता की फीस 7000 से 10,000 तक ली जाती है जिसमे कई बार खिलाड़ी को अपने रहने का खुद इंतजाम किया जाता है और इंटरनेशनल लेवल के नाम पर नेपाल भूटान थाईलैंड हांगकांग जैसे जगह पर लेकर जाया जाता है और उनसे लगभग 40 हजार लेकर 70 हजार लिया जाता है जिसमे आयोजक वही छोटे अकादमी के खिलाडी से खिलाडी का मैच करवा कर उन्हें इधर उधर घुमा कर लेकर आ जाते है। ऐसा नहीं है पैसे लेकर सिर्फ इस तरह के फेडरेशन करती यही बल्कि कई बार ऐसे काम में कुछ ऐसे भी फेडरेशन है जो 50 सालो से भी ज्यादा समय काम कर रही है। ये फेडरेशन मान्यता प्राप्त है फिर इनके प्रतियोगिता में स्टेट लेवल में 1000 रूपये प्रतियोगिता की फीस 250 रु खिलाडी का रजिस्ट्रशन साथ में खेलने के लिए भरा जाने वाला प्रतियोगिता का फार्म के 100 स्टेट संघ को देता है। अगर वो खिलाडी नेशनल के लिए क्वालिफाइड कर लेता है तो उसे 4500 से 6000 रु नेशनल की फीस देना पड़ता है जिसमे उसे फेडरेशन के तरफ से कोई भी सहायता नहीं मिलती है। खिलाडी को रहने और खाने के लिए चयनित होटल का नंबर दिया जाता है। जिससे फेडरेशन के पद अधिकारी उस में से भी अपना कमिशन ले सके। अगर कोई खिलाडी या कोई कोच इस काम का विरोध करता है तो उसे अमान्य कोच बता कर फेडरेशन से निकल दिया जाता है।
आखिरकार खेल मंत्रालय हर खेल को और भी सुचारु रूप से चलने का प्रयास कर रहा है लेकिन अभी कई खेल के पद अधिकारी को और भी मेहनत की जरुरत है जिससे खिलाडी को नेशनल लेवल प्रतोयोगिता में कोई भी फीस नहीं देना पड़े।
इस आर्टिकल में दी गई सभी जानकारी खेल से जुड़े लोगो तथा गूगल से ली गई है , इसमें लेख कर्ता की कोई व्यक्तिगत मंशा नहीं है


कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें